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स्वीटी राधिका राधे-राधे |
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स्वीटी राधिका राधे-राधे |
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स्वीटी राधिका राधे-राधे |
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स्वीटी राधिका राधे-राधे |
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स्वीटी राधिका राधे-राधे |
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स्वीटी राधिका राधे-राधे |
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स्वीटी राधिका राधे-राधे |
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स्वीटी राधिका राधे-राधे |
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स्वीटी राधिका राधे-राधे |
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स्वीटी राधिका राधे-राधे |
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स्वीटी राधिका राधे-राधे |
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स्वीटी राधिका राधे-राधे |
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स्वीटी राधिका राधे-राधे |
दर्शन दो घनश्याम नाथ, मेरी अंखिया प्यासी रे !
मन मंदिर की ज्योत जगा दे , घट घट के वासी रे !!
दर्शन दो घनश्याम नाथ, मेरी अंखिया प्यासी रे !!
मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी ना दिखे सूरत तेरी !
युग बीते ना आई मिलन की पूर्णमासी रे !!
दर्शन दो घनश्याम नाथ, मेरी अंखिया प्यासी रे !!
द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर मैं गूंगा बोले !
अंधा देखे लंगडा चलकर पहुंचे कासी रे !!
दर्शन दो घनश्याम नाथ, मेरी अंखिया प्यासी रे !!
स्वीटी राधिका राधे-राधे