sweetie how sweet taste in mine shriji 's sweets
"स्वीटी" भये बड़ भाग मेरे - प्रिया लाल दरश करिके प्यारे ! प्रिया लाल को हैं चखाय रहीं - भक्तन ने परोसे भोग न्यारे !! तबहि एक लड्डू कर लीनो - मेरे लाल प्रिया के मुख दीन्हो !! प्रिया प्रेम मगन माखन लेके - लालन मुख पे सब मलदीन्हो !! शोभा कूँ निरखि धनि भगत भये - प्रिया रस के समर्पण चित कीन्हो !! "स्वीटी" प्रेम उजागर को - "स्वीटी राधिका " कहि आनंद लीन्हो !! पुनि टेर जो लगी राधे-राधे - वृन्दावन रस प्रगट कीन्हो !! कहे "अहम् हरे " सुनो भक्त-संत - मेरो कान्ह "स्वीटी" नाम धरि लीन्हो !! मैं पुन्हि पूछो "स्वीटी-राधिका" कहि के - श्रीजी के कर कैसो रस चीन्हो !! "स्वीटी" में जान्यो-पहिचानो - मो संग न छिपाए रह पाओ ! तुम यसुमति सुत नन्द के लाला - राधिका राधे-राधे गाओ !! मैं माने नहीं मानुंगो प्रभु - तुम हटिकाओ या वरिजाओ ! तोहे करिके प्रचारित सब जग में - कहूँ मिलके राधे-राधे गाओ !! "स्वीटी राधिका राधे-राधे " "यसुमति नंदन राधे-राधे " "श्री राधावल्लभ राधे-राधे " "मदनमोहन जी राधे-राधे " "बाँके बिहारी राधे-राधे "
स्वीटी राधिका राधे-राधे
सुनहु लाल-गोपाल हार कैसे मानूँ मन सों !! भटकत-भटकत हारी अब तो कल न परे कितु ओर ! सांवरिया भयो जीवन दुस्कर जाने कब आवेगी भोर !! तेरे गुण तेरी अभिलाषा धारि के मन संतोष ! क्या मैं था क्या फल मैंने पाया प्यास बड़ी मिली ओस !! तृष्णा निरी सतावै हिय कूँ मति ऐसी अकुलाय ! का बर्षा के लाभ प्रभु मेरे जब जीवन कृषि सुखजाय !! जो-जो मार्ग रचे मन मूरख अन्धकार ही पाय ! भाग्य बिधाता दया करो क्यूँ न तुम मेरे रवि बन जाओ !! शरण तिहारी हे गिरधारी करहु कृपा की कोर ! स्वामिनी श्यामा कहौ लाल सों नेकु तकि लें मेरी ओर ! तेरे भरोसे श्री राधेजू नाम श्याम के गाउँ ! 'स्वीटी राधिका राधे-राधे' कहि-कहि मन हर्षाउँ !! हार होय तो होय स्वामिनी न छूटे अभिलाषा ! प्रियतम श्याम हमारे स्वामी मैं श्यामाजू की दासा !! जानूँ प्रीत की रीत तिहारी क्लेश नहीं कछु सों ! सुनहु लाल-गोपाल हार कैसे मानूँ मन सों !! प्रेम रस चिंतन
|